वर्ष | लॅण्डमार्क | |
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१९०५ | बॉम्बे इलेक्ट्रिक सप्लाय आणि ट्रॉमवेज कंपनी लिमिटेडची स्थापना झाली. (ब्रिटिश इलेक्ट्रिक ट्रक्शन कंपनीकडून) ए पावर हाऊसमध्ये 1100 एचपी जनरेटर आणि 107 ग्राहकांद्वारे बेस्ट उपक्रम सुरु करण्यात आला | |
१९०७ | वाडी बंडर (4300 किलोवॅट) येथे स्टीम पॉवर जनरेशन सुरू झाले. | |
१९१२ | कसारा निर्मिती स्टेशन कार्यान्वित केले. | |
१९१६ | टाटाकडून सुरु होणारी वीज खरेदी केली. | |
१९२५ | जनरेशन पध्दती बंद करण्यात आली. | |
१९३१ | डी.सी. सबस्टेशनचे रिमोट कंट्रोल सुरु केंद्र सुरु झाले. | |
१९४७ | बी.एम.सी.द्वारे व्यवस्थापन. | |
१९४९ | अपोलो आणि ग्रँट रोड येथे प्रथम 22 केव्ही संग्राही केंद्राची (रिसीव्हिंग स्टेशन) स्थापना झाली. | |
१९५१ | डी.सी. ते ए.सी. रूपांतरण सुरू झाले. | |
१९५४ | प्राथमिक वितरण व्होल्टेज 5.5 केव्ही ते 6.6 केव्हीवर बदलले.. | |
१९५५ | एबीसीबी परिचय. | |
१९५७ | जास्तीत जास्त मागणी 100 मेगावॅटपर्यंत पोहोचली. | |
१९५८ | इंटरकॉम परिचय. | |
१९६० | व्हीएचएफ सिस्टम स्थापित. | |
१९६४ | ट्रामकार बंद. | |
१९६७ | सिंगल मीटर टॅरिफ सादर. | |
१९६७ | पर्यवेक्षी रिमोट कंट्रोल (एसआरसी) सिस्टमची स्थापना. | |
१९६८ | गॅस दिवे काढून टाकले. | |
१९६९ | साहित्य, चाचणी कार्यवाही सुरू झाली. | |
१९७० | जास्तीत जास्त मागणी 200 मेगावॅटपर्यंत पोहोचली. | |
१९७० | खरेदी केलेले युनिटस् 1000 एमयूएसवर पोहोचले. | |
१९७० | सि॑म्हा योजना परिचय. | |
१९७१ | पीव्हीसी केबल्स परिचय. | |
१९७१ | इपॉक्सी केबल जोडणी परिचय. | |
१९७१ | प्राथमिक वितरण व्होल्टेज 6.6 केव्ही ते 11 केव्ही वर बदलले - 1 फेज (दक्षिण) | |
१९८१ | किमान ऑइल सर्किट ब्रेकर्स सादर केले. | |
१९८२ | उच्च प्रेशर सोडियम व्हेपर दिवे सादर केले. | |
१९८२ | एक्सएलपीई केबल्सची ओळख. | |
१९८२ | अपोलो आणि हुतात्मा चौक रिसिव्हिंग सब स्टेशनवर प्राथमिक परिवर्तन व्होल्टेज 22 केव्ही ते 33 केव्ही वर बदलले. | |
१९८५ | व्हॅक्यूम सर्किट ब्रेकर सादर केले. | |
१९८५ | एस.एफ -6 स्विचगियरचा परिचय. | |
१९८६ | जास्तीत जास्त मागणी 400 मेगावॅटपर्यंत पोहोचली. | |
१९८६ | खरेदी केलेले युनिट्स 2000 दशलक्षावर पर्यंत पोहोचले. | |
१९८९ | नरीमन पॉईंटमध्ये जी.आय.एस.ने 110 केव्ही / 11 केव्ही सबस्टेशनची स्थापना केली. | |
१९९३ | मायक्रोवेव्ह कम्युनिकेशन सिस्टमची ओळख. | |
१९९३ | खेतवाडी येथे 110 केव्ही / 33 केव्ही रिसीव्हिंग सबस्टेशन कार्यान्वित केले. | |
१९९४ | प्रणालीमध्ये इलेक्ट्रिक मीटर यंत्रण सादर केले. | |
१९९४ | प्राथमिक वितरण व्होल्टेज 6.6 केव्ही ते 11 केव्ही - 1 टप्प्यात बदलले. (उत्तर) | |
१९९४ | प्राथमिक बदल 22 केव्ही पासून 33 केव्ही वर बदलला. (धारावी). | |
1994 | Primary Dist. Voltage changed over from 6.6 KV to 11KV - First Phase (North). | |
१९९४ | ऊर्जा लेखापरीक्षा विभाग तयार. | |
१९९५ | संगणक अर्ज विभाग तयार. | |
१९९५ | जनरेशन सेल तयार. | |
१९९५ | नवीन इंटरकॉम प्रणाली सादर केली. | |
१९९६ | जास्तीत जास्त मागणी 600 मेगावॅटपर्यंत पोहोचली. | |
१९९६ | खरेदी केलेले युनिट्स 3000 दशलक्षावर पर्यंत पोहोचले. | |
१९९७ | स्विच एल.वी. कॅपसिटर स्थापित. | |
१९९७ | चौपाटी येथे टॉवर लाइटिंग स्थापित. | |
१९९७ | दक्षिण विभागात 11 किलोवॅट बदलले. | |
१९९७ | सिस्टम पॉवर फॅक्टर 0.98 वर पोहोचला. | |
१९९७ | पॉवर फॅक्टर सुधारण्यासाठी कमीतकमी एमव्हीए प्रणालीची मागणी कमी. | |
१९९७ | एक विंडो रेड्रेसल सिस्टम 2 केडब्ल्यूसाठी सुरु झाले. भार . | |
१९९८ | आरकेव्हीएएच शुल्काचा करार एग्रीकल्चरल टॅरिफसाठी सादर केला गेला. | |
१९९८ | एक खिडकी निराकरण प्रणाली 25 केडब्ल्यू पर्यंत विस्तारित.. | |
१९९९ | आगाऊ भरणा योजना सादर केली. | |
१९९९ | 110 केव्ही बॅकबे संग्राही उपकेंद्राची स्थापना. | |
२००१ | मार्ग प्रकाश दिव्यांवर 100% नियंत्रण प्राप्त केले. | |
२००१ | 2001 एफआरपी मिनीपिलर सिस्टममध्ये सादर केले जातात. | |
२००२ | स्वयंचलित स्विच केलेले कॅपेसिटर सादर केले. | |
२००३ | सिस्टमची जास्तीत जास्त मागणी 700 मेगावॅटपर्यंत पोहोचली. | |
२००३ | ग्राहक तक्रार निवारण मंच स्थापन. | |
२००५ | सिस्टमची जास्तीत जास्त मागणी 800 एमव्हीएपर्यंत पोहोचली. | |
२००६ | मोठ्या प्रलंबित वीज बिलांच्या रिकव्हरीसाठी अॅम्नेस्टी योजना प्रथम लॉन्च करण्यात आली. | |
२००६ | पॉवरची खरेदी आणि उपलब्धता आधारित टॅरिफ आणि लॉन्ग टर्म पॉवर प्रोक्योरमेंट प्लॅन (एलटीपीपीपी) चे विश्लेषण करण्यासाठी स्थापित केलेला एक स्वतंत्र सेल. | |
२००६ | एमईआरसीचा दर पहिल्यांदा लागू झाला. | |
२००६ | स्ट्रीट लाइटिंगसाठी मीटरिंग. | |
२००६ | बार कोडिंग सुविधासह रंगीत वीज बिल जारी करणे सुरू केले. | |
२००६ | प्रवर्तन आणि परिरक्षण (उत्तर/पूर्व) विभाग स्थापन. | |
२००६ | चाचणी आधारावर ओळखल्या जाणार्या वीज बिलांच्या विरूद्ध स्वयंचलित चेक स्वीकृती मशीन. | |
२००७ | सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) द्वारे देण्यात आलेल्या चांदीच्या ढालच्या रूपात व्यापक पुरस्कार प्राप्त झाला. | |
२००८ | एमईआरडीएडीओएस एनर्जी मार्केट इंटरनॅशनलने पुरस्कृत केलेल्या एकूण उपयोगिता कामगिरीसाठी 2 रा इंडिया पॉवर पुरस्कार प्राप्त झाला. | |
२००९ | डिजिटायझेशन प्रकल्प ऊर्जा मंत्रालयाने दिलेल्या पॉवर सेक्टरमध्ये मेरिटोरियस परफॉर्मन्ससाठी गोल्ड शील्डच्या स्वरूपात राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त झाला. भारत पॉवर युटिलिटीजने पुरस्कृत केलेल्या एकूण उपयोगिता कामगिरीसाठी 3 रे इंडिया पॉवर अवॉर्ड प्राप्त झाले. |
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२०१० | दादर, पाठकवाडी आणि कोलाबा येथे सिस्टम रिमोटवर तीन रिमोट टर्मिनल अंमलबजावणी. मोरारजी मिल (33 केव्ही / 415 वी) आरएसएसचे कमिशनिंग ऊर्जा मंत्रालयाने दिलेल्या पॉवर सेक्टरमध्ये मेरिटोरियस परफॉर्मन्ससाठी सिल्व्हर शील्डच्या स्वरूपात राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त झाला. भारत कौन्सिल ऑफ पावर युटिलिटिजने दिलेला एकूण उपयोगिता कामगिरीसाठी चौथा भारत पॉवर पुरस्कार प्राप्त झाला.. |
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२०११ | 5 वी इंडिया पॉवर अवॉर्ड कौन्सिल ऑफ पावर युटिलिटिजने दिलेला एकूण उपयोगिता कामगिरीसाठी प्राप्त झाला.. | |
२०१२ | 6 वी इंडिया पॉवर अवॉर्ड कौन्सिल ऑफ पावर युटिलिटिजने सर्वोत्तम कामगिरीसाठी (मेट्रो) प्राप्त केले. | |
२०१३ | फाल्कन मीडियाने सर्वोत्कृष्ट कामगिरी उपयुक्तता (शहरी) मिळविण्यासाठी 7 व्या एन्टीरिया पुरस्कार प्राप्त केला. | |
२००३ | सिस्टमची जास्तीत जास्त मागणी 700 एमव्हीएपर्यंत पोहोचली. | |
२००३ | ग्राहक गा-हाणे निवारण मंच स्थापन करण्यात आला | |
२००५ | सिस्टमची जास्तीत जास्त मागणी 800 एमव्हीएपर्यंत पोहोचली. | |
२००५ | खरेदी केलेले युनिट 4000 एमयू पर्यंत पोहोचले | |
२००६ | मोठ्या प्रलंबित वीज बिलांच्या रिकव्हरीसाठी अॅम्नेस्टी योजना प्रथम लॉन्च करण्यात आली. | |
२००६ | पॉवरची खरेदी आणि उपलब्धता आधारित टॅरिफ आणि लॉन्ग टर्म पॉवर प्रोक्योरमेंट प्लॅन (एलटीपीपीपी) चे विश्लेषण करण्यासाठी स्थापित केलेला एक स्वतंत्र सेल. | |
२००६ | एमईआरसीचा दर पहिल्यांदा लागू झाला | |
२००६ | मार्गप्रकाश दिव्यांसाठी मीटरिंग | |
२००६ | बार कोडिंग सुविधासह रंगीत वीज बिल जारी करणे सुरू केले. | |
२००६ | प्रवर्तन आणि परिरक्षण (उत्तर/पूर्व) विभाग स्थापन. | |
२००६ | चाचणी आधारावर ओळखल्या जाणा-या वीज बिलांच्या विरूद्ध स्वयंचलित चेक स्वीकृती मशीन | |
२००९ | इंडिया पावर अवार्ड्सकडून मिळालेल्या एकूण कामगिरीसाठी जुलै पुरस्कार. | |
२०११ | 2009 -10 या वर्षासाठी इंडिया पोअर अवॉर्ड्सद्वारे वितरण परवाना श्रेणीच्या एकूण कामगिरीमध्ये रौप्य पदक. | |
२०११ | वर्ष 2010-11 साठी इंडिया पोअर अवॉर्ड्सद्वारे वितरण परवाना श्रेणीच्या एकूण कामगिरीमध्ये रौप्य पदक. | |
२०१२ | सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार नवी दिल्ली येथे लीड जर्नलिझम हाऊस एबीपी न्यूज द्वारे बेस्ट पॉवर अॅव्हिलिटी कॅटेगरीचे शहर. | |
२०१२ | ग्राहक माहिती लागू करण्यासाठी एसएमएस अलर्ट सुविधा. | |
२०१४ | विद्युत कनेक्शन विनंत्यांची ऑनलाइन फाइलिंग सक्षम केली. | |
२०१५ | घरगुती कार्यक्षम प्रकाशयोजना कार्यक्रम (डीएलपी) लागू. | |
२०१५ | बिलिंग आणि Vidushi सर्व्हर्ससाठी 24 जीबी ते 48 जीबी पर्यंत रॅम क्षमता वाढविण्यात आली. | |
२०१६ | सर्वोत्कृष्ट विद्युत ग्राहकांसाठी माय बेस्ट मोबाइल अॅप लॉन्च केला गेला. | |
२०१६ | नॅशनल स्ट्रीट लाइटिंग प्रोग्राम (एसएलएनपी) अंतर्गत पायलट प्रकल्प अंमलबजावणीसाठी एलईडी दिवे वापरुन उर्जा संरक्षणासाठी कार्यरत आहे. | |
२०१७ | क्रिया ऑर्डर क्रमांक 245 जारी करण्यात आले होते जे ग्राहकाने अर्ज नोंदणी केल्यानंतर सहाव्या दिवशी मीटरची स्थापना सुनिश्चित करते. | |
२०१७ | इज ऑफ डूईग बि॑झनेस योजने अंतर्गत 25% प्रति भांडवली उत्पनाच्या माध्यमातून बेस्टने नवीन वीज जोडणीचे दर (150 केडब्ल्यू पर्यंत लोडसाठी) कमी केले. | |
२०१८ | थकबाकी वसुलीसाठी अॅम्नेस्टी स्कीम 2018 लाँच केली. |